Thursday, June 24, 2010

Supari



सुपारी
उनका मिशन अंतिम चरण में था । बंद कमरे में सुपारी की रकम तय की जा रही थी। उस कमरे में कुल जमा तीन लोग थे जिनमे एक सुपारी लेने वाला भी था। सुपारी देने वालो में एक महिला भी थी। सुपारी देने वाले ने मिशन को आगे बढाने का संकेत किया। सुपारी लेने वाले ने एक बार फिर उस महिला की आँखों में झाँका, महिला थोड़ी घबराई हुई जरुर थी पर उसका मौन भी स्वीकृति को ही इंगित कर रहा था।
स्वीकृति मिलते ही उसने अपना कम शुरू किया। उस महिला के साथ वह पास ही बने छोटे कमरे में चला गया। थोड़ी ही देर बाद वह वापस आया। उसने योजना के सफल होने की सूचना दी। उनका मिशन पूरी तरह कामयाब रहा था । एक और बेटी दुनिया देखने से पहले ही विदा हो चुकी थी।

3 comments:

  1. Achchhi Shuruat hai. Shayad ye aapka pehla blog hai. Pallavi ji ke blog padte waqt aapka link dekha. Keep on writing.

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  2. .
    बहुत सही बात उठाई आपने। कितनी कुशलता से लोग भ्रूण हत्या को अंजाम दे देते हैं । लानत है ऐसे लोगों पर ।

    zealzen.blogspot.com

    आभार।

    ZEAL

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